मैं दीवाली क्यों बनाओ। ?
मैं दिवाली क्यों मनाऊं
क्योंकि मैं एक प्रकृति वासी हूं जिस में मैं रहता हूं
मेरी प्रकृति वासी पशु पक्षी वनस्पति इस पृथ्वी पर निवास करते हैं इस पृथ्वी पर रहते हैं फिर मैं कैसे उन्हें नुकसान पहुंचा हूं मैं क्यों पर्यावरण प्रदूषण करूं जिनसे इनका नुकसान होता है मैं दीपावली क्यों मनाई Deepavali for deep Jala kar Banaya Ja sakta hai ghar Roshan Ho aapke ghar mein Khushiyan Hindu Ki Kasam ka Nivas Hota Hai Bhagwan Ram ka hota hai Hoga Paryavaran Pradushan ki भारत में #अच्छाई और #बुराई की #जीत की
वजह से यहां के #आदिवासी #भगवान #महिषासुर #रावण राजा को लोग अच्छाई की वजह से #जला देते हैं ताकि #अच्छाई की जीत हो और #बुराई की #हार हो यहां तक तो हमें समझ में आ जाता है
चलो पर मुझे यह नहीं समझ में आता है कि जीत #अच्छाई की कहां हुई लोग कहां #अच्छाई देखते हैं ?इस #भीड़ तंत्र ने हम लोगों को #गुमराह करके रखा है
भारत में दो तरह के लोग रहते हैं एक #रावण को अपना #पूर्वज #भगवान मानने वाले और #दूसरी तरफ उन्हीं को #जला देते हैं यानी #अच्छाई और #बुराई मनुष्य में व्याप्त है
और इस भीड़ तंत्र में #हर साल #प्रत्येक वर्ष #बुराई की #हार और #अच्छाई की जीत की वजह से इस #भीड़ तंत्र ने लोगों को वाकई में गुमराह करके रखा है इस वजह से ऐसे #सैकड़ों #रावण #दहन होते हैं जो #कार्बन #डाइऑक्साइड जो इस #पृथ्वी को #विषैली गैस ना जाने कितनी सारी पड़ा की और ऐसे बहुत से पर्यावरण प्रदूषण को फैलाते हैं अब इसमें हम किस अच्छाई की जीत को खोजते हैं और किस बुराई को मिटाते हैं?
शायद आप हमसे ज्यादा समझदार हैं अगर आपके पास जवाब हो तो जरूर समझा समझा ना और कमेंट जरुर करना
लोग #पटाखे फोड़ते हैं या पैसा #फोड़ते हैं यह तो मुझे पता नहीं पर इनके द्वारा निकलने वाली जो विषैली गैस से न जाने कितने पशु पक्षी वनस्पति को प्रभाव पड़ता है इस वायुमंडल को प्रभाव पड़ता है और इनकी वजह से ही ऐसे कई बीमारियां हैं जो भारत में जन्म लेती है
और
ऐसे बहुत से उदाहरण आप जानते होंगे जो हमें आप बता सकते हैं कमेंट करें
अब यह गलती हम तो नहीं करते पर नौजवान शिक्षित लोग यह कैसे नहीं समझ रहे हैं इस भीड़ तंत्र आकर्षण तंत्र और इस माहौल शिलांग तर्क नहीं कर पा रहे हैं लोग जानते हैं क्या गलत है फिर भी लोग दबे कुचले ऐसे पर्व को बनाते हैं हम पर्व बनाने के लिए मना नहीं कर रहे दीप जला कर दी पर बनाया जा सकता है क्योंकि जो दीप पर्व ही है
हमने आप को समझाने की कोशिश की है अगर हम इसमें लिखना चाहें तो बहुत कुछ लिख सकते हैं ना जाने कितने सैकड़ों पेज भर जाएंगे पर ज्यादा लिखने से आपको समझ तो utna hi आएगी जितनी अभी भी है और आप जो पढ़ रहे हैं शायद इसे पढ़कर भी आपको समझ नहीं आएगी
हमें आपकी मंशा आपके दिमाग में क्या चल रहा है मैं जानता हूं कि आप हमें बहुत ही तर्क कर सकते हैं और मुझे तार्किक कह सकते हैं पर आप अपना कमेंट जरुर करें मेरा लिखने का मतलब यही है कि हम जिस पृथ्वी पर निवास करते हैं तो क्या उसे विषैला बनाना चाहिए या हम उसी प्रकृति को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं जिससे हमारा जिंदगी जिससे मनुष्य पशु पक्षी वनस्पति जीवित है आखिर क्यों आप कमेंट जरूर करें
एक बात तो मैं बताना भूल ही गया इस वजह से लोग न जाने कितने फूल बहुत पौधे उखाड़ कर भी लोग अपना बिजनेस बना लेते हैं इस पर्व में ऐसे लोग बेचते भी हैं क्या दीप जलाकर इस पर्व को नहीं बनाया जा सकता आप कमेंट जरूर करें
आपके लिए खुशी हो सकती है पर उन खुशी से क्या जिन से दूसरे लोगों की मौत हो सकती है यह पशु पक्षी वनस्पति पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है इस विषय में गैस से इसे पढ़कर आप पटाखा छोडेंगे या नहीं मैं तो नहीं जानता पर मैं तो नहीं छोडूंगा मैं दीप जरूर से लाऊंगा मैं किसी भी धर्म की आलोचना करना धर्म अपनी जगह है और मैं अपनी जगह से तर्क कर रहा हूं अपनी सोच से तर्क कर रहा हूं जवाब आपको देना है मैं यह भी जानता हूं कि पांचों उंगली बराबर नहीं है पांचों की सोच अलग-अलग हो सकती है पांचों मजहब की अलग सोच हो सकती है विश्व में जितने मजहब है उनका सोच अलग अलग हो सकता है हो सकता है तो मेरे विचार आप से मेल नहीं खाते हो
दीप जलाकर इस पर्व को मनाना एक दीपावली है पर इसमें बिजनेस क्यों ?
ऐसे हर साल मेरे मोबाइल S9 से भर जाते हैं कम से कम 100 200 लोग तो इसमें जरूर करते हैं पर सबको समझाया नहीं जा सकता अपने फिल्म को बार-बार कह नहीं सकता इसलिए मैं आज लिख रहा हूं बहुत सारी गलतियां हो सकती है इस पर पर मुझे दर्द है इन प्रकृति वासियों के लिए इस पर मैं भी निवास करता हूं मुझे पृथ्वी पर शांति चाहिए मनुष्य तो शांत नहीं रह सकता और वैसे भी क्या देश विषैले वायु से भर गया है फिर क्यों पटाखा फोड़ते हो पटाखा होना जरूरी है क्या? पटाखा फोड़ना एस एम एस करना अगर उनमें से ₹1 भी अगर एक जगह डोनेट कर दिया जाए तो ऐसे कितने अच्छे कार्य किए जा सकते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते गरीबों की पेट भर सकते हैं पौधे लगा सकते हैं पशु पक्षी के लिए दाने लाए लाए जा सकते हैं उनके पेट के लिए कुछ और क्या जा सकता है अगर आपके पास नए थॉट हो तो जरूर कमेंट करें
एक तरफ लोग पैसे कमाने की सोचते हैं और दूसरी तरफ चंद मिनटों में पटाखे फोड़ कर पैसा बहा देते हैं उसे आपको केवल पटाखे की फूटने से खुशी मिलती है और पटाखा फुट जाता है यह कैसी मानसिकता है यह कैसा थॉट है यह तो मुझे आज भी नहीं समझ में आया कि लोग इस भीड़ तंत्र से कितना प्यार करते हैं इस भीड़ तंत्र से लोग तर्क करके क्यों नहीं सीखते हैं?
#real #fact
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